कैलाश सत्यार्थी
कैलाश सत्यार्थी का जन्म मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी, 1954 को हुआ। पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रहे कैलाश सत्यार्थी ने कम उम्र में ही अपने करियर को छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया। उन्हें बाल श्रम के खिलाफ आंदोलन चलाकर लाखों मासूमों को बचाने का श्रेय दिया जाता है जिसके कारण उन्हें ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से नवाजा गया ।
सन् 1980 में सत्यार्थी द्वारा चलाया गया ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ अब तक लगभग 80 हजार मासूमों का जीवन तबाह होने से बचा चुका है।
वे ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ के अध्यक्ष भी हैं। कहते है कि मुझे रास्ते में आते-जाते बच्चों को काम करता देख बड़ा अजीब लगता था, बेचैनी होने लगती थी तो नौकरी छोड़ दी और 1980 में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की नींव रखी।
कैलाश सत्यार्थी कहते हैं, “बाल मजदूरी महज एक बीमारी नहीं है, बल्कि कई बीमारियों की जड़ है जिसके कारण कई ज़िंदगियाँ तबाह होती हैं।
कैलाश सत्यार्थी के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-
नियम 1. सकारात्मक
कैलाश सत्यार्थी कहते है कि मैं एक सकारात्मक व्यक्ति हूँ और मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ, क्योंकि अब गरीब-से-गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वह साधन है, जो उन्हें मजबूत बना सकता है। इसलिए, किसी से ली गयी शिक्षा आपको जीवन मुहैया कराएगी और खुद से ली गयी शिक्षा आपका भाग्य बनाएगी।
नियम 2. मानवीय मूल्य
आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। अपने आप को मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त जरूरत है। अपनी सिकल्स को मजबूत करने के लिए हर अवसर का फायदा उठाये, ताकि जब महत्त्वपूर्ण अवसर आएँ, तब दूसरों को प्रभावित करने के लिए आप अपनी सिकल्स में मजबूत हो ।
नियम 3. मानव दासता
अगर हम कुछ मौलिक प्रश्नों के उत्तर दे सकें तो शायद हम मानव दासता का दाग मिटा सकते है जैसे – अगर अभी नहीं तो कब ? अगर तुम नहीं तो कौन?
दूसरों को छोटा जीवन जीने दो, लेकिन आप मत जियो। दूसरों को छोटी-छोटी बातों पर बहस करने दो, लेकिन आप मत करो। दूसरों को छोटी तकलीफों पर रोने दो, लेकिन आप मत रोओ। दूसरों को किसी और के हाथों में अपने भविष्य को छोड़ने दो, लेकिन आप मत छोड़ो।
नियम 4. बाल-श्रम और अशिक्षा
कहते है की, गरीबी, बाल-श्रम और अशिक्षा के बीच एक त्रिकोणीय संबंध है। हमें इस दुष्चक्र सबध को तोड़ना होगा। यदि आप अपने जीवन का गोल नही बनाते हैं तो संभावना है कि आप किसी और की गोल में फँस जाओ और अंदाजा लगाओ कि वे आपके लिए क्या गोल बनाएँगे?
नियम 5. शोषण से शिक्षा की ओर और गरीबी से साझा समृद्धि की ओर प्रगति
कैलाश सत्यार्थी हमेशा शोषण से शिक्षा की ओर और गरीबी से सुख समृद्धि की ओर प्रगति करने के लिए कहता हूँ। एक ऐसी प्रगति, जो गुलामी से आजादी की ओर हो; एक ऐसी प्रगति, जो हिंसा से शांति की ओर हो। जब आप दूसरों के लिए न्याय करते हैं तो आप उन्हें परिभाषित नहीं करते हैं, आप खुद को परिभाषित करते हैं।
नियम 6. प्रगति
गरीबी कब बढ़ती है? अगर आप अपने बच्चों को शिक्षा से वंचित करते है तो वे गरीब रह जाते हैं। केवल एक सपने को कभी नहीं छोड़ना, क्योंकि इसे पूरा करने में समय लगेगा।
दुःख के बिना कोई सफलता नहीं है इसलिए धैर्य हमेशा रखें क्योकि वैसे भी, समय बीत जाएगा। मुझे लगता है इस बात से ‘पीड़ित’ शब्द का मतलब जबरदस्त प्रयास और निर्देशन करना था।
नियम 7. गुलामी
अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनाई गई चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे। हम परिस्थितियों को हम पर शासन करने दे सकते हैं, या हम प्रभार ले सकते हैं और अपने जीवन को भीतर से शासित कर सकते हैं।
नियम 8. दुनिया इतनी गरीब
बीस साल पहले कैलाश सत्यार्थी की हिमालय में एक लड़के से मुलाकात हुई तो उसने मुझसे पूछा, ‘क्या दुनिया इतनी गरीब है कि मुझे कोई औजार या बंदूक उठाने पर मजबूर करने की बजाय एक खिलौना और एक किताब नहीं दे सकती?’ यदि आप लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं तो आपके पास एक उद्यम है।
नियम 9. बच्चों को क्लास रूम में
कहते हैं कि मैं यह मानने से इनकार करता हूँ कि दुनिया इतनी गरीब है, जबकि सेनाओं पर होने वाला सिर्फ एक हफ्ते का वैश्विक खर्च हमारे सभी बच्चों को क्लास रूम में ला सकता है। किसी प्रकार के संतुलन या त्याग के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता।
नियम 10. हमारे बच्चे
वे किसके बच्चे हैं, जो फुटबॉल सिलते हैं, फिर भी कभी फुटबॉल से खेले नहीं? वे हमारे बच्चे हैं। वे किसके बच्चे हैं, जो पत्थरों और खनिजों की खान में काम करते हैं? वे हमारे बच्चे हैं। वे किसके बच्चे हैं, जो कोको की पैदावार करते हैं,फिर भी चॉकलेट का टेस्ट नहीं जानते ? वे सभी हमारे बच्चे हैं।
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1.कैलाश सत्यार्थी कौन हैं?
कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय सामाजिक क्रांतिकारी और नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं, जिन्होंने बाल श्रम के खिलाफ अपने कार्य के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की है। उन्हें विश्वभर में बच्चों के अधिकारों और कल्याण के प्रति उनके संघर्ष के लिए जाना जाता है।
2.कैलाश सत्यार्थी का पृष्ठभूमि क्या है?
11 जनवरी 1954′ में मध्य प्रदेश के विदिशा में जन्मे, कैलाश सत्यार्थी ने अपने करियर की शुरुआत विद्युत अभियंता के रूप में की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने जीवन को बच्चों के श्रम से लड़ाई और बच्चों के अधिकारों के प्रोत्साहन के लिए समर्पित कर दिया।
3.कैलाश सत्यार्थी की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?
कैलाश सत्यार्थी, मलाला यूसुफ़जई के साथ, 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए थे जो उनकी संघर्ष के लिए था जो बच्चों और युवाओं को दबावों से मुक्ति दिलाने और सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार के लिए था। उन्होंने बच्चों की रक्षा के लिए अपने संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के माध्यम से हजारों बच्चों को उबारा और पुनर्वास कराया है।
4.कैलाश सत्यार्थी ने बाल श्रम के खिलाफ कैसे योजना बनाई है?
कैलाश सत्यार्थी ने अपने संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के माध्यम से सक्रिय रूप से हजारों बच्चों को खतरनाक श्रम से बचाने और पुनर्वास करने के लिए काम किया है। उन्होंने वैश्विक रूप से बच्चों के श्रम के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने, नीतियों में सुधार के लिए प्रचार-प्रसार किया है।
5.कैलाश सत्यार्थी का भविष्य का दृष्टिकोण क्या है?
कैलाश सत्यार्थी एक ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं जहां हर बच्चा शोषण से मुक्त है और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलती है।