बिल गेट्स
बिल गेट्स अमेरिका के एक बड़े बिजनेसमैन हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर हैं जो इस समय दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है।
बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल में हुआ। 13 साल की उम्र में बिल गेट्स ने अपना पहला प्रोग्राम बनाया और उसके बाद हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी एडुकेशन को ड्रॉपआउट करके सन् 1975 में इस कंपनी की शुरुआत की । तब से बिल गेट्स ने इस कंपनी में अलग- अलग पदों पर काम किया है और वे इस कंपनी में चेयरमैन, सी.ई.ओ. एवं चीफ सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट रह चुके हैं।
पर्सनल कंप्यूटर की दुनिया में एक क्रांति लाने के लिए बिल गेट्स का नाम इतिहास के पन्नों में अंकित है। वे उन महान् उद्योगपतियों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर पूरी दुनिया में अपना नाम बहुत ऊँचा उठा दिया।
सन् 1987 के बाद से लगातार बिल गेट्स का नाम दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति की सूची में आता रहा है। वे सबसे बड़े दानियों में भी शुमार हैं।
बिल गेट्स के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-
नियम 1. किसी से तुलना न करें
बिल गेट्स के अनुसार आप अपनी तुलना किसी से भी न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप खुद की बेइज्जती कर रहे हैं।
आपको भगवान ने कुछ शक्तियों, कलाओं और बुद्धिमत्ता से नवाजा है जिसे आपको समझना और उस पर काम करने की आवश्यकता है । अगर आप अपनी शक्तियों, कलाओं और बुद्धिमत्ता पर काम करते है तो आपको सफल होने में कोई बाधा नही बन सकती है ।
नियम 2. आलसी इन्सान
मैं हमेशा किसी कठिन काम को करने के लिए किसी आलसी इन्सान को चुनूँगा, क्योंकि वह आलसी इन्सान उस काम को पूरा करने के लिए कोई आसान तरीका निकालेगा।
नियम 3. अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को पहचाने
हम अकसर इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि न तो हम अपनी क्षमताओं को जानते हैं और न ही अपनी कमजोरियों को। आपको व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेनी चाहिए की आप परिस्थितियों, मौसम या हवा को नहीं बदल सकते हैं; लेकिन आप अपने आप को बदल सकते हैं और यही आपकी जिम्मेदारी है।
नियम 4. इडियट बनकर
खुद ईडियट बनकर खुश रहें और यह पूरी उम्मीद है कि आप अंत में सफलता प्राप्त करेंगे। आपको परिपक्वता विपरीत हालात होने पर भी बिना क्षमा-याचना या शिकायत किए आगे बढ़ने की योग्यता होनी चाहिए ।
नियम 5. शिक्षक
टेक्नोलॉजी मात्र औजार है, जो बच्चों को एक साथ काम करने के लिए पास लाती है; पर जहाँ तक बात बच्चों को प्रेरित करने की है तो शिक्षक सबसे महत्त्वपूर्ण है। लर्निंग धन की शुरुआत है। लर्निंग स्वास्थ्य की शुरुआत है। लर्निंग आध्यात्मिकता की शुरुआत है। सर्चिंग व लर्निंग जहाँ है, वहीं चमत्कार की सारी प्रक्रिया शुरू होती है।
नियम 6. कोच
हर व्यक्ति को एक कोच की जरूरत होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक बास्केटबॉल खिलाड़ी, टेनिस खिलाड़ी, पहलवान या एक ब्रिज प्लेयर हैं। यदि आप अपने लक्ष्यों पर काम करते हैं तो आपके लक्ष्य आप पर काम करेंगे। यदि आप अपनी योजना पर काम करते हैं तो आपकी योजना आप पर काम करेगी। हमारा निर्माण आखिर कर हमारे अच्छे कार्यों से ही होता है।
नियम 7. गलती
यदि आप गरीब घर में जन्मे हैं तो यह आपकी गलती नहीं है, लेकिन अगर आप गरीबी में ही मरते हैं तो यह आपकी ही गलती है। सफलता न तो जादुई होती है और न ही रहस्यमय होती है। सफलता बुनियादी सिद्धांतों का लगातार पालन करने का स्वाभाविक परिणाम है।
नियम 8. गलतियों से सीखना
सफलता मिलने के बाद खुशियाँ मनाना तो ठीक है, परंतु गलतियों से सीखना और भी महत्वपूर्ण है। हमारी सफलता का निर्माण हमारे अच्छे कार्यों से ही होता है। हमें जिस रास्ते जाना है, वह पालों का सेट निर्धारित करता है, न कि हवा की दिशा।
नियम 9. फ्यूचर प्लान
आप दस साल बाद का भविष्य नहीं बता सकते, पर दस साल तक की प्लानिंग तो कर सकते है। इसलिए फ्यूचर प्लान करें। यदि आप असामान्य जोखिम के लिए तैयार नहीं हैं तो आपको साधारण जीवन के लिए समझौता करना पड़ेगा।
नियम 10. अलग नजरिया
अगर आपके पास किसी चीज को देखने का अलग नजरिया है तो उसे लोगों से शेयर करें, डिस्कस करें। नहीं तो दिमाग अलग तरह से सोचना ही बंद कर देगा। यह मायने नहीं रखता कि आपने समस्या से कब और कैसे निजात पाई! निजात पाना ही सबसे ज्यादा मायने रखता है। आप निर्णय लिये बिना प्रगति नहीं कर सकते।
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