भारत के दो नेता जिनके सिग्नेचर भारतीय मुद्रा पर थे
अक्सर हम हमारे देश की करेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर के सिग्नेचर को देखते है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय नोटों पर हमारे देश के दो बड़े नेताओं के सिग्नेचर कभी छपे थे? जी हां, यह बात सुनने में भले ही हैरान करने वाली लगे, लेकिन यह सच है। एक थे मोरारजी देसाई, जो भारत के प्रधानमंत्री भी रहे, और दूसरे थे मनमोहन सिंह, जो देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री थे। इन दोनों के सिग्नेचर भारतीय मुद्रा पर अलग-अलग कारणों और भूमिकाओं के चलते छपे थे। आइए इस दिलचस्प कहानी को करीब से समझते हैं।
1. मोरारजी देसाई: प्रधानमंत्री जिनके सिग्नेचर मुद्रा पर थे
मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री थे। लेकिन उनके सिग्नेचर भारतीय मुद्रा पर तब देखे गए, जब वे वित्त मंत्री थे। 1958 से 1963 तक वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने 1 रुपये के नोट पर सिग्नेचर किए।
उस समय 1 रुपये के नोट पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के सिग्नेचर नहीं होते थे। यह परंपरा थी कि 1 रुपये के नोट पर वित्त मंत्री के हस्ताक्षर हों इस कारण मोरारजी देसाई का नाम भारतीय मुद्रा के इतिहास में खास स्थान रखता है।
2. मनमोहन सिंह: गवर्नर जिनके सिग्नेचर मुद्रा पर थे
मनमोहन सिंह 1982 से 1985 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे इस दौरान उनके सिग्नेचर कई नोटों पर देखे गए, जैसे 20 रुपये के नोट। गवर्नर के रूप में उनका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता और मजबूती देने में रहा।
बाद में, उन्होंने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधार किए और 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहते हुए भारत को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
क्या आज भी सिग्नेचर होते हैं?
आज के समय में भारतीय मुद्रा पर केवल भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के सिग्नेचर होते हैं लेकिन 1 रुपये के नोट, जो वित्त मंत्रालय जारी करता है, उस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं जबकि प्रधानमंत्री के सिग्नेचर किसी भी मुद्रा पर नहीं होते।
मोरारजी देसाई और मनमोहन सिंह, दोनों का भारतीय मुद्रा पर सिग्नेचर होना उनकी ऐतिहासिक भूमिका को दर्शाता है।
मोरारजी देसाई एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके सिग्नेचर 1 रुपये के नोट पर थे वहीं, मनमोहन सिंह ने गवर्नर रहते हुए 20 रुपये और अन्य नोटों पर अपने सिग्नेचर किए।