दुनिया की सबसे हल्की वस्तु को बनाना क्यों जरूरी था जानिए मुख्य तीन कारणों को

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दुनिया की सबसे हल्की वस्तु
 
विज्ञान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में हर दिन कुछ नया और अनोखा खोजा जाता है। आज हम बात करेंगे दुनिया की सबसे हल्की वस्तु के बारे में, जिसे विज्ञान की भाषा में एयरोग्राफाइट (Aerographite) कहा जाता है। 
 
एयरोग्राफाइट क्या है?
 
एयरोग्राफाइट एक सिंथेटिक पदार्थ है, जिसे 2012 में जर्मनी की कील यूनिवर्सिटी (Kiel University) और हम्बर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Hamburg University of Technology) के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया था जो कार्बन की एक अत्यंत हल्की संरचना पर आधारित है, जिसमें 99.99% हिस्सा हवा और मात्र 0.01% हिस्सा ठोस पदार्थ होता है।
 
सिंथेटिक सामग्री का अर्थ है :- ऐसी सामग्री या पदार्थ जो प्राकृतिक संसाधनों से न बनकर रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा प्रयोगशालाओं या कारखानों में कृत्रिम रूप से तैयार किए जाते हैं



एयरोग्राफाइट पदार्थ की विशेषताएँ:
 
1. वजन: इसकी घनत्व (Density) मात्र 0.2 मिलीग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है, जो इसे दुनिया की सबसे हल्की वस्तु बनाता है।
 
2. मजबूती: हल्की होने के बावजूद एयरोग्राफाइट में हाइ लेवल की मजबूती पाई जाती है जो अपने वजन से 40,000 गुना अधिक दबाव सहने की क्षमता रखता है।
 
3. लचीलापन (Flexibility): इसे आसानी से दबाई जा सकती है और दबाव हटने पर अपनी मूल संरचना में दिखाई देगी।
 
एयरोग्राफाइट कैसे बनता है?
 
एयरोग्राफाइट को तैयार करने के लिए जिंक ऑक्साइड नैनो ट्यूब्स (ZnO Nanotubes) को एक विशेष प्रक्रिया के तहत कार्बन की परत से ढक दिया जाता है। इसके बाद जिंक ऑक्साइड को हटाकर केवल कार्बन की जालीनुमा संरचना (Lattice Structure) शेष बचती है। इस प्रक्रिया के कारण यह बेहद हल्की और मजबूत होती है।
 
एयरोग्राफाइट के उपयोग 
 
1. एयरोस्पेस और एविएशन इंडस्ट्री:
एयरोस्पेस (जैसे रॉकेट, सेटेलाइट और हवाई जहाज) में ऐसे पदार्थों की जरूरत होती है जो बहुत हल्के हों लेकिन बेहद मजबूत भी हों। एयरोग्राफाइट एक ऐसा पदार्थ है जो वजन में हल्का होने के बावजूद मजबूत होता है। इसका इस्तेमाल हवाई जहाज और स्पेस मिशन में करने से ईंधन की खपत भी कम होती है और रिजल्ट भी बेहतर मिलते है।
 
2. बैटरियों में:
आजकल हम सभी मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए लिथियम-आयन बैटरियों का इस्तेमाल करते हैं। एयरोग्राफाइट का उपयोग इन बैटरियों के अंदर किया जा सकता है, जिससे बैटरियां हल्की बनती हैं और ज्यादा समय तक काम कर सकती हैं। हल्की बैटरी से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रफ्तार और दूरी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
 
3. फिल्टरेशन सिस्टम:
एयरोग्राफाइट को फिल्टर बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पानी और हवा को साफ करने वाले सिस्टम में काम आता है क्योंकि यह बेहद बारीक कणों को रोक सकता है इस वजह से इसे बेहतर और टिकाऊ फिल्टर बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जो जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण से लड़ने में मदद करेगा।
 
4. सेंसर्स:
एयरोग्राफाइट का उपयोग छोटे और बेहद संवेदनशील सेंसर्स बनाने में किया जा सकता है। ये सेंसर्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं, जैसे मोबाइल, स्मार्ट उपकरण और वैज्ञानिक उपकरण। खासकर, नैनो सेंसिंग तकनीक में यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसकी हल्की और कंडक्टिव (बिजली को पास करने वाली) विशेषताएं इसे बेहतरीन ऑप्शन बनाती हैं।
 

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