दुनिया के वो 10 देश जहाँ लोग सबसे ज़्यादा काम करते हैं
काम हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह हमारे लिए रोज़गार और जीविका का मुख्य साधन होता है, लेकिन कुछ देशों में लोग इतना ज़्यादा काम करते हैं कि उनकी साप्ताहिक घंटे की औसत पूरी दुनिया से ज्यादा है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार, भूटान जैसे देश में लोग हर हफ्ते औसतन 54.4 घंटे काम करते हैं, जो सबसे अधिक है।
आइए जानते हैं दुनिया के उन 10 देशों के बारे में जहाँ लोग सबसे ज़्यादा घंटे काम करते हैं और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
सप्ताह में सबसे अधिक काम करने वाले टॉप 10 देश
1. भूटान – यहाँ के लोग हर हफ्ते 54.4 घंटे काम करते हैं।
2. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) – औसत काम के घंटे हैं 50.9 घंटे।
3. लेसोथो – यहाँ लोग 50.4 घंटे काम करते हैं।
4. कांगो – औसत 48.6 घंटे।
5. कतर – हर हफ्ते 48 घंटे।
6. लाइबेरिया – औसत 47.7 घंटे।
7. मॉरिटानिया – लोग यहाँ 47.6 घंटे काम करते हैं।
8. लेबनान – यहाँ का औसत भी 47.6 घंटे है।
9. मंगोलिया – लोग हर हफ्ते 47.3 घंटे काम करते हैं।
10. जॉर्डन – औसत काम के घंटे 47 घंटे।
भारत में क्या स्थिति है?
भारत में लोग हर हफ्ते औसतन 46.7 घंटे काम करते हैं। यह आंकड़ा दुनिया के शीर्ष 10 देशों में भले ही न हो, लेकिन फिर भी यह दिखाता है कि भारतीय भी लंबे समय तक काम करते हैं।
लोग इतने ज़्यादा काम क्यों करते हैं?
इन देशों में लोग लंबे समय तक काम करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
1. आर्थिक स्थिति: कई देशों की अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत नहीं होती, इसलिए लोग ज्यादा काम करके अपनी ज़रूरतें पूरी करते हैं।
2. काम के ऑप्शन की कमी: कई जगहों पर नौकरी के अवसर कम होते हैं, जिससे लोग एक ही काम में ज़्यादा घंटे लगाते हैं।
3. कानून की कमी: कई देशों में काम के घंटे तय करने वाले नियम या तो कमजोर होते हैं या लागू नहीं होते।
क्या ज़्यादा काम करना सही है?
लंबे समय तक काम करने का असर सिर्फ आपकी नौकरी पर नहीं पड़ता, बल्कि यह आपकी सेहत पर भी भारी पड़ सकता है। इसके कुछ नुकसान नीचे दिए गए हैं:
तनाव और थकान: लंबे समय तक काम करने से मानसिक दबाव बढ़ता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: दिल की बीमारियाँ, मधुमेह और नींद की कमी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
काम की गुणवत्ता पर असर: जब आप थके हुए होते हैं, तो काम में गलतियाँ ज्यादा होती हैं।
दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहाँ लोग औसत से कहीं ज़्यादा काम करते हैं। भूटान और UAE जैसे देश इसकी मिसाल हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि हम काम के साथ-साथ अपनी सेहत और खुशियों का ख्याल रखें। काम और ज़िंदगी का सही संतुलन ही हमें एक बेहतर जीवन की ओर ले जा सकता है।