चौदहवें दलाई लामा की सफलता और सघर्ष की कहानी, हिंदी में

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दलाई लामा

वर्तमान व चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तरी तिब्बत में आमदो के एक छोटे गाँव तकछेर में एक कृषक परिवार में हुआ। दो वर्ष की उम्र में ल्हामो दोंडुब नाम का वह बालक तेरहवें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में पहचाना गया।


ऐसा विश्वास है कि दलाई लामा अवलोकितेश्वर या चेनेरेजिग के रूप हैं, जो कि करुणा के बोधिसत्त्व एवं तिब्बत के संरक्षक संत हैं। चीन द्वारा सन् 1949 में तिब्बत पर आक्रमण के बाद उन्हें भारत में शरण लेने को बाध्य होना पड़ा तब से वे उत्तर भारत के धर्मशाला नामक स्थान में निवास करते हैं, जो कि निर्वासित तिब्बती राजनीतिक प्रशासन का केंद्र है।


मानव अधिकारों के लिए काम करने के लिए उन्हें सन् 1989 में ‘नोबेल शांति पुरस्कार‘ मिल चुका है। उनका विश्वास विज्ञान, अहिंसा व करुणा की शक्ति में है। 


दलाई लामा के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-

नियम 1. अच्छे दोस्त

दलाई लामा के अनुसार गलतियों को बताने वाले दोस्त ही अच्छे होते हैं जो आपकी कमजोरियाँ बताकर वे आपके व्यक्तित्व में छिपे खजाने के बारे में बताते हैं, इसलिए उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए। यदि आप दोस्त खोजने के लिए निकलेंगे तो आपको पता चलेगा कि वे बहुत कम हैं। यदि आप दोस्त बनाने निकलेंगे तो आप हर जगह उन दोस्तो की तरह नही मिलेंगे जो आपकीं गलतियों को बताते है बाकी हर मोड़ पर दोस्त मिल जायेंगे ।

नियम 2. आंतरिक शक्ति

आपके लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले लोगों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए; क्योंकि समस्याओं का सामना करने से हमारी आंतरिक शक्तियां विकसित और मजबूत होती है और हमारे अंदर धैर्य का गुण विकसित होने लगता है। दलाई लामा कहते है कि जिसके पास  अच्छा दिमाग और अच्छा दिल होता है वो हमेशा विजय होते है 

नियम 3. करुणा या दया

करुणा का संबंध किसी धार्मिक विश्वास से नहीं है, यह मानवीय है। हमारी शांति और मानसिक को स्थिरता के लिए यह जरूरी है। करुणा के बिना किसी भी मनुष्य का अस्तित्व संभव नहीं है। मुझे पता है कि जहाँ मैं कमजोर हूँ, भगवान मजबूत हैं और जब हम विश्वास में विश्वास करते हैं तो हम अजेय होते हैं।

नियम 4. प्रसन्नता

प्रसन्नता कहीं बाहर से नहीं आती यह आपके अपने कर्मों से ही पैदा होती है। हर कष्ट का कारण अज्ञानता है। खुशी पाने की चाहत में हम दूसरों को कष्ट पहुंचाते हैं। दलाई लामा कहते है कि मैं कभी किसी बड़े व्यक्ति से नहीं मिला, जो आभारी था या कोई आभारी व्यक्ति, जो कड़वा था।

नियम 5. समस्याओं को ताकत बनाएं

समस्याओं को अपनी ताकत बनाये चाहे वह कितनी भी गंभीर और कष्टदायक क्यों न हों, हमेशा बेहतर की उम्मीद बनाए रखें। अगर हम आशा करना छोड़ देंगे तो यही सबसे बड़ी गलती होगी। हमारे जीवन में चुनौतियां हमारे विश्वास को मजबूत करने के लिए हैं ना ही हमें रौंदने के लिए नहीं हैं।

नियम 6. रिश्ते

रिश्ते जरूरतों पर आधारित नहीं होते। सर्वश्रेष्ठ रिश्ते वही होते हैं, जिनमें दोनों पक्षों के बीच प्रेम उनकी जरूरतों से ज्यादा होता है। वे भावनाएँ ही हैं, जो हमें मनुष्य बनाती हैं, वास्तविक बनाती हैं। ‘इमोशन’ शब्द का मतलब है- एनर्जी इन मोशन।

नियम 7. दूसरों की मदद

जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य दूसरों की मदद करना है। अगर आप किसी की मदद नहीं कर सकते तो कम-से-कम उनके लिए मुश्किलें न खड़ी कीजिए। दलाई लामा कहते है कि मैं जितना अधिक स्वीकार किए जाने का जोखिम उठाता हूँ, मेरे स्वीकार किए जाने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।

नियम 8. धर्म और अध्यात्म 

हम धर्म और अध्यात्म के बिना जीवित रह सकते हैं, लेकिन मानवीय प्रेम के बिना नहीं। जो कोई भी लोगों को सेवा देता रहता है, वह खुद को महानता – महा धन, महा प्रतिफल, महा संतुष्टि, महा प्रतिष्ठा और महा आनंद की श्रेणी में खड़ा पाता है।

नियम 9. चिंता

चिंता किसी समस्या का समाधान नहीं है। अगर किसी मुश्किल का हल निकल सकता है तो उसके लिए चिंता क्यों करें? अगर हल नहीं निकल सकता तो चिंता करके भी कोई फायदा नहीं। हम अपने आसपास दुःख को बाहर रखने के लिए दीवारों का निर्माण करते हैं तो आनंद को भी बाहर ही रोक देते हैं।


नियम 10. समय का महत्त्व

जिंदगी का बीतने वाला प्रत्येक क्षण आपकी जिंदगी से कुछ-न-कुछ चुरा ले जाता है और आपको पता ही नहीं चलता। अंततः एक दिन वह आता है, जब हमें पता चलता है कि हमने जिंदगी में कुछ किया ही नहीं, पूरी जिंदगी यूँ ही बीत गई। जीवन में कुछ अर्थपूर्ण करना है तो समय के महत्व को समझना होगा।


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दलाई लामा के बारे में लोगो द्वारा पूछे गये सवाल


दलाई लामा कौन हैं?

दलाई लामा एक तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु और तिब्बत के पूर्व सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेता हैं। जो अभी बौद्ध धर्म के 14वें दलाई लामा के रूप में भी जाना जाता है।

दलाई लामा के विरुद्ध क्या कुछ आरोप हैं?

कुछ व्यक्तिगत और राजनीतिक कारणों से, दलाई लामा को चीन सरकार द्वारा विरोधिता मिलती है। इन्हें हमेशा तिब्बत को स्वतंत्रत करने के रूप में देखा जाता है, जो चीन के साथ तात्कालिक विवादों का कारण बना है।

दलाई लामा की जीवनी में कौन-कौन से महत्वपूर्ण क्षण हैं?

दलाई लामा के अपने जीवन में बहुत सारे महत्वपूर्ण क्षण है लेकिन में दलाई लामा का जीवन उनके तिब्बत से चीन भागने के बाद से लेकर उनके अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और शांति के क्षेत्र में कार्यक्रमों के साथ भरपूर है।


दलाई लामा का स्थायी स्थान कहां है?

दलाई लामा वर्तमान में भारत में रह रहे हैं, विशेषकर धरमशाला, हिमाचल प्रदेश, जहां उन्होंने एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया है।

दलाई लामा के फिलॉसफी और उनके संदेश क्या हैं?

दलाई लामा ध्यान और करुणा के साथ जीने का सिद्धांत अपनाते हैं। उनका संदेश शांति, साहस, और सामंजस्य की ओर है, और उन्होंने अपने जीवन को विश्व शांति और समरसता के लिए समर्पित किया है।



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