डॉ. मनमोहन सिंह की शैक्षणिक योग्यताएं और उनके प्रमुख पद

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डॉ. मनमोहन सिंह ( 1932- 2024 )

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जो एक महान अर्थशास्त्री के रूप में भी जाने जाते हैं, अपनी शिक्षा और उपलब्धियों के माध्यम से पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि अपने नॉलेज और दूरदर्शिता का इस्तेमाल करके भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

 

 

शुरुआती शिक्षा

डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब (अब पाकिस्तान में) के गाह गांव में हुआ। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और अमृतसर में बस गया। यहीं उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की।

उच्च शिक्षा

1. पंजाब विश्वविद्यालय:

उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद 1952 में अर्थशास्त्र में स्नातक और 1954 में स्नातकोत्तर की डिग्री ली ।

2. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय:

उनकी प्रतिभा की वजह से उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सेंट जॉन्स कॉलेज में पढ़ने का मौका मिला। 1957 में उन्होंने वहां से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की।

3. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय:

1960 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड के नफील्ड कॉलेज में “भारत का निर्यात प्रदर्शन” विषय पर रिसर्च किया और 1962 में डी.फिल. (डॉक्टरेट) की उपाधि प्राप्त की। उनकी रिसर्च इतनी शानदार थी कि वह बाद में एक प्रसिद्ध पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई।

शिक्षा से करियर की ओर

शिक्षण कार्य:

पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाया। वह अपने छात्रों के बीच बेहद पसंद किए जाते थे।

डॉ. मनमोहन सिंह का भारतीय राजनीति में सफर

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और देश को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाने में योगदान दिया। आइए उनके कार्यकाल और उपलब्धियों को विस्तार से समझते हैं:

वित्त मंत्री (1991-1996):

डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में आर्थिक संकट के दौरान भारत के वित्त मंत्री का पद संभाला। यह वह समय था जब भारत गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका था, और देश दिवालिया होने के कगार पर था। डॉ. सिंह ने उस समय के प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीति लागू की

प्रधानमंत्री (2004-2014):

डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और दो कार्यकाल (2004-2009 और 2009-2014) में देश की सेवा की। यह अवधि भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण थी। उनके कार्यकाल के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8% तक पहुंची, जो उस समय दुनिया में सबसे तेज थी।

 

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