पारो हवाई अड्डा: दुनिया का सबसे खतरनाक और खूबसूरत एयरपोर्ट
हर किसी ना किसी व्यक्ति का सपना होता है कि वह एक बार हवाई जहाज में सफर करे और ऐसे रनवे पर उतरे, जो चारों तरफ से पहाड़ों और बादलों से घिरा हो। अगर आप इस तरह का सपने देखते हैं, तो आपको भूटान के पारो हवाई अड्डे का नाम जरूर जानना चाहिए। यह हवाई अड्डा जितना खतरनाक है, उतना ही खूबसूरत भी क्योंकि पारो हवाई अड्डा अपनी लोकेशन और रोमांचक लैंडिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
पारो हवाई अड्डा कहां है
पारो हवाई अड्डा भूटान की पारो घाटी में मौजूद है जो भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। राजधानी थिम्फू से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है और भूटान आने वाले सभी टूरिस्ट के लिए प्रवेश का मुख्य द्वार है।
क्यों खतरनाक है पारो हवाई अड्डा
1. ऊंचाई: पारो हवाई अड्डा समुद्र तल से लगभग 2,235 मीटर (7,300 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
2. पहाड़ों से घिरा: हवाई अड्डे के चारों तरफ 5,500 मीटर (18,000 फीट) ऊंचे पहाड़ हैं, जो इसे दुनिया के सबसे मुश्किल एयरपोर्ट्स में से एक बनाते हैं।
3. छोटा रनवे: पारो एयरपोर्ट का रनवे काफी छोटा है, जिसकी लंबाई सिर्फ 1.9 किलोमीटर है।
4. विशेष पायलट: इस एयरपोर्ट पर सिर्फ 8- 10 विशेष रूप से ट्रेंड पायलट ही विमान लैंड कर सकते हैं। दुनिया में केवल कुछ ही पायलटों के पास पारो हवाई अड्डे पर लैंडिंग का लाइसेंस है।
पारो हवाई अड्डे पर लैंडिंग क्यों खास है
जब विमान पारो हवाई अड्डे पर उतरता है, तो यह सफर किसी सपने से कम नहीं होता क्योंकि इसमें विमान को पहाड़ों और घाटियों के बीच से गुजरते हुए लैंड करना होता है। लैंडिंग से पहले यात्रियों को ऊंचे पहाड़, हरी-भरी घाटियां और पारो नदी का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
पारो पर कौन-कौन सी एयरलाइंस उड़ान भरती हैं
पारो हवाई अड्डे पर सिर्फ दो एयरलाइंस के विमानों उड़ानें आती हैं जिसमें एक Druk Air (भूटान की राष्ट्रीय एयरलाइन) और दूसरी Bhutan Airlines। यहां से कुछ ही देशों के लिए जिसमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे देशों की उड़ाने उपलब्ध हैं।
पारो हवाई अड्डे की खासियतें
1. प्राकृतिक सुंदरता: पारो एयरपोर्ट को दुनिया के सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट्स में गिना जाता है।
2. सीमित उड़ानें: यहां एक दिन में केवल कुछ ही उड़ानें आती और जाती हैं।
3. सुरक्षा: यहां की उड़ानें दृष्टिगत उड़ान नियम (Visual Flight Rules – VFR) के तहत होती हैं। यानी पायलट को विमान उतारते समय पूरी तरह से आसपास का दृश्य देखना जरूरी होता है।