Bullet को सीधी टक्कर देने आया नया Rajdoot 350, 110km/h स्पीड और दमदार माइलेज के साथ

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सड़क पर फिर दौड़ेगा Rajdoot 350, 110 Km/h की रफ्तार और क्लासिक अंदाज़ में

आज जब हम तेज और स्टाइलिश बाइकों की बात करते हैं, तो हमें लगता है कि ऐसा सब कुछ नया है। लेकिन 1980 के दशक में एक ऐसी बाइक भारत आई थी जिसने लोगों को रफ्तार का असली मजा चखाया। Yamaha Rajdoot 350 वो बाइक थी, जिसने भारतीय सड़कों पर पहली बार रेसिंग बाइक जैसा अनुभव दिया। यह बाइक जापानी Yamaha RD350 पर आधारित थी और भारत में Escorts कंपनी ने इसे Rajdoot नाम से लॉन्च किया था।

इंजन और ताकत

Rajdoot 350 का इंजन उस समय के मुकाबले बहुत दमदार था। इसमें 347 सीसी का दो सिलिंडर वाला टू-स्ट्रोक इंजन लगाया गया था, जो बेहद ताकतवर माना जाता था। इस इंजन में इतनी ताकत थी कि बाइक कुछ ही सेकंड में तेज रफ्तार पकड़ लेती थी। यह 0 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड सिर्फ 4 सेकंड में पकड़ सकती थी और इसकी टॉप स्पीड करीब 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाती थी। इस रफ्तार की वजह से यह बाइक युवाओं की पहली पसंद बन गई थी। उस जमाने में जब बाकी बाइकों की स्पीड 80-90 तक सीमित थी, Rajdoot 350 ने रफ्तार का नया कीर्तिमान बनाया।

गियर और कंट्रोल

इस बाइक में 6 स्पीड वाला मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया था जो बहुत ही स्मूद और तेज रिस्पॉन्स वाला था। यह गियरबॉक्स उस जमाने की किसी भी आम बाइक से काफी बेहतर था। Rajdoot 350 को चलाते समय हर गियर पर राइडर को पूरा कंट्रोल मिलता था। चाहे आप शहर की सड़कों पर चलें या खुली हाईवे पर, बाइक हर हालात में बेहतरीन परफॉर्मेंस देती थी। गियर बदलते समय बाइक में किसी तरह का झटका महसूस नहीं होता था और यह अनुभव राइडिंग को और खास बना देता था।

माइलेज और खर्चा

Rajdoot 350 की परफॉर्मेंस तो कमाल की थी लेकिन इसका माइलेज थोड़ा कम था। इसका मतलब यह है कि यह बाइक ज्यादा पेट्रोल खर्च करती थी। High Torque वर्जन करीब 20 से 25 किलोमीटर प्रति लीटर तक का माइलेज देता था, जबकि Low Torque वर्जन थोड़ा बेहतर था और करीब 30 से 35 किलोमीटर प्रति लीटर तक चलता था। उस समय के हिसाब से जब पेट्रोल की कीमतें आम लोगों के बजट में नहीं होती थीं, यह बाइक हर किसी के लिए सही नहीं थी। जो लोग सिर्फ माइलेज देख कर बाइक खरीदते थे, उनके लिए यह बाइक थोड़ी महंगी साबित होती थी।

ब्रेक और सुरक्षा

बाइक की रफ्तार जितनी तेज थी, ब्रेकिंग सिस्टम उतना अच्छा नहीं था। इसमें आगे और पीछे दोनों तरफ ड्रम ब्रेक दिए गए थे जबकि उस समय जापानी मॉडल में आगे डिस्क ब्रेक होता था। तेज रफ्तार में बाइक को रोकना थोड़ा मुश्किल हो जाता था, खासकर जब अचानक ब्रेक लगाने की जरूरत होती थी। इसी वजह से इस बाइक को कुछ लोग मजाक में ‘Rapid Death 350’ भी कहने लगे थे। हालांकि ब्रेकिंग सिस्टम कमजोर था, लेकिन जिन लोगों को बाइक को चलाने का अनुभव और कंट्रोल था, उनके लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी।

लुक और डिजाइन

Rajdoot 350 का लुक आज भी लोगों को बहुत पसंद आता है। इसका डिजाइन एकदम रेसिंग बाइक जैसा था – लंबा और चौड़ा फ्यूल टैंक, दो एग्जॉस्ट पाइप, भारी बॉडी और स्टाइलिश हेडलाइट इसे खास बनाते थे। इसका वजन करीब 155 किलो था, लेकिन राइडिंग के दौरान यह भारी महसूस नहीं होती थी। इसमें 16 लीटर का फ्यूल टैंक था, जिससे एक बार पेट्रोल भरने पर आप लंबी दूरी आराम से तय कर सकते थे। इस बाइक की आवाज, लुक और मजबूती आज भी बहुत से लोगों को पुरानी यादें दिलाती है।

मॉडल और बदलाव

Rajdoot 350 के दो मुख्य मॉडल बाजार में आए थे – High Torque (HT) और Low Torque (LT)। High Torque मॉडल सबसे पहले आया था जिसमें लगभग 30.5 बीएचपी की ताकत मिलती थी। यह मॉडल बहुत तेज था लेकिन उसका माइलेज कम था। कुछ समय बाद कंपनी ने Low Torque मॉडल निकाला जिसमें थोड़ी कम ताकत थी लेकिन माइलेज थोड़ा बेहतर हो गया था। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि बाइक आम लोगों के लिए भी किफायती बन सके। दोनों मॉडल की अपनी खासियत थी और आज भी दोनों के अलग-अलग फैन हैं।

देखभाल और दिक्कतें

Rajdoot 350 को चलाना जितना अच्छा था, उसकी देखभाल उतनी ही मुश्किल थी। इसके स्पेयर पार्ट्स महंगे मिलते थे और सही मिस्त्री भी बहुत कम होते थे जो इसे ठीक से समझ पाएं। इसके लिए समय-समय पर सर्विसिंग, पार्ट्स की सफाई और बदलने की जरूरत होती थी। अगर कोई व्यक्ति बाइक की अच्छी देखभाल नहीं करता था तो उसमें दिक्कतें आना तय थी। इसी वजह से यह बाइक सिर्फ शौक रखने वाले लोग ही खरीदते थे, जो इसके खर्च को झेल सकते थे।

आज की स्थिति

आज भी Rajdoot 350 को बहुत से लोग संभालकर रखते हैं। यह अब एक कलेक्शन आइटम बन चुकी है। कई लोग इसे सुधार कर (restore करके) शोज़ और बाइक रैलियों में लेकर जाते हैं। जो मॉडल अच्छी हालत में होते हैं उनकी कीमत ₹1 लाख से ₹3 लाख तक होती है और जो बिल्कुल ऑरिजनल कंडीशन में हों, उनकी कीमत और भी ज्यादा हो सकती है। आज भी बाइक लवर्स के लिए यह बाइक एक सपना है।

अंत में कहें, Yamaha Rajdoot 350 सिर्फ एक बाइक नहीं थी, यह भारत में रफ्तार और परफॉर्मेंस की शुरुआत थी। इसने दिखा दिया कि भारतीय सड़कों पर भी रेसिंग जैसी बाइक चलाई जा सकती है। आज भले ही मार्केट में बहुत सी नई बाइक्स आ गई हों, लेकिन Rajdoot 350 का जो जुनून था, वो कभी पुराना नहीं हो सकता।

 

 

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