One line Joun Elia Sir Shayari | मशहूर शायर जॉन ऐलिया सर की वन लाइन बेस्ट शायरियाँ

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 One Line Joun Elia Shayari 


One Line Joun Elia Shayari

सिर्फ़ सोचते हैं कर के नहीं देखे 

मेरे सारे गुनाह अधूरे हैं…!!

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सर पटकता है लफ्ज़ लफ्ज़ मेरा ..

 अब न समझे कोई तो क्या की जिए.

 

साँस लेना कोई दलील नहीं

 मैं नहीं मानता ज़िंदा हूँ मैं




ज़िन्दगी से बहुत ही बद-ज़ान हैं काश! 

एक बार मर गये होते

 

वो जान है हर एक महफ़िल की हम 

भी अब घर से कम निकलते हैं..

 

बिन तुम्हारे कभी नहीं आई, 

क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है?

 

हाए वो उस का मौज-खेज़ बदन

 मैं तो प्यासा रहा लब-ए-जू भी

 

अपने सब यार काम कर रहे हैं 

और हम हैं कि नाम कर रहे हैं

 

जो ज़िंदगी बची है, 

उसे मत गंवाइए बेहतर यही है की आप मुझे भूल जाइए

 

एक ही तो हवस रही है 

हमें अपनी हालत तबाह की जाए

 
 

काम की बात मैं ने की ही नहीं

ये मिरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं

 

ये वार कर गया है पहलू से कौन मुझ पर, 

था मैं ही दाएँ बाएँ और मैं ही दरमियाँ था..

 

अभी मत दीजियो जवाब 

कि मैं झूम तो लूँ सवाल पर अपने !!

 

हो इजाजत तो एक बात कहूँ वो— 

मगर… खैर, कोई बात नही

 

मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए, 

आइना देखा गया, बाल सँवारे गए

 

जुर्म में हम कमी करें भी तो क्यूँ 

तुम सज़ा भी तो कम नहीं करते

 

कितने झूठे थे हम मुहब्बत में, 

तुम भी ज़िंदा हो, हम भी ज़िंदा हैं..!!

 

कौन सीखता है सिर्फ़ बातों से, 

सबको एक हादसा ज़रूरी है।

 

यानी ये ख़ामोशी भी किसी काम की 

नहीं यानी मैं बयां करके बताऊँ कि उदास हूँ

 

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