2 Line shayari |दो लाइन दुःखभरी शायरियाँ

Updated On:
---Advertisement---

2 लाइन दुःखभरी शायरियाँ 

एक अजीब सी कैफ़ियत है 

उसके बगैर रह भी लेते हैं, रहा भी नहीं जाता..

हम हर किसी के लिए बस 

एक वक्त तक जरूरी होते है..!!

जाने क्या हादसा है होने को, 

जी बहुत चाहता है रोने को..

कुछ अजीब सा चल रहा है, 

ये वक़्त का सफ़र, एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर !!

 

मैं गलत तोहूँ, तो तुम सही हो क्या मैं बदल गया, 

तुम वही हो क्या?

खबर छुपाई गई अफवाह उड़ाई गई कहानी

 कुछ और थी सुनाई कुछ और गई..

जिंदगी चल तो रही है, पर उसमे

चल क्या रहा है… वो जिंदगी ही जाने…!

कुछ तो बिखरा बिखरा सा है, 

ये ख्वाब है, ख्वाहिश है या मेरा मन

गीले शिकवे क्या करे ज़माने से अकेला आये थे, 

अकेला जाएंगे…

कुछ भी झूठा हो सकता है,

 मगर अकेले में बहाए आँसू नही…!!

 

कभी-कभी खुद की बड़ी याद आती है, 

कि क्या से क्या हो गए देखते देखते !!

 

दूरियों में ही परखे जाते है रिश्ते,

 आंखों के सामने तो सभी वफादार होते हैं।

इच्छाओं को मार कर जीना भी…

 खुदकुशी ही हैं…!! जनाब;

जो लोग अंदर से मर जाते हैं

अक्सर वही दूसरों को जीना सिखाते हैं..!

अकेले ही गुजरती है ज़िन्दगी, 

लोग तसल्लियाँ तो देते हैं पर साथ नहीं !!

 

शिकवे इतने है कि किताब लिख दू, 

सब्र इस कदर है कि एक लफ्ज़ भी ना कहूँ ..!!

Leave a Comment