इस जमाने मे अगर आपको शायरी करना या शायरी पढ़ना अच्छा लगता है तो आप शायरी करने वाले शायरों के अल्फाज और तंज से बिल्कुल वाकिफ होंगे क्योंकि इन शायरियाँ का सारा खेल अल्फाजो और उसके मतलब ही तो होता है, नही कोई शायरी करना शुरू कर दे ।
इसलिए हम इस ब्लॉग में कुछ मशहूर शायर गुलज़ार की शायरी आपके सामने पेश करने जा रहे हैं जिन्हें आप पढ़ कर उन शायरियों के मतलब को समझ सकते हैं ।
गुलज़ार की शायरियाँ
गुलज़ार की शायरियाँ
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं
सुनो… जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि दुनिया खूबसूरत है
शायर बनना बहुत आसान हैं
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए
बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
मैं गलत हूँ, तो तुम सही हो क्या मैं बदल गया,
तो तुम वही हो क्या?
शोर की तो उम्र होती हैं
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं
कैसे गुजर रही है, सब पूछते है,
कैसे गुजारता हूं, कोई नही पूछता…
सहमा सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है