One Line Rahat Indori Shayari | राहत इन्दौरी की हिंदी शायरियाँ

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One Line Rahat Indori Shayari | राहत इन्दौरी की शायरियाँ

 

राहत इन्दोरी, जिनकी शायरियाँ दिल के हर कोने में गूंजती हैं, उर्दू शायरी की दुनिया में एक ऐसा नाम हैं, जो हर शेर में ज़िंदगी की गहराई और सच्चाई को बखूबी बयां करते हैं। उनकी शायरी का एक मिश्रा वो असर छोड़ता है, जो कई किताबों में नहीं मिलता। इस ब्लॉग में, हम आपके लिए लाए हैं राहत इंदौरी की चुनिंदा वन लाइन शायरियाँ, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी और आपके दिल की गहराइयों में उतर जाएगी।

 

रंग चेहरे का ज़र्द कैसा है आईना गर्द-गर्द कैसा है

काम घुटनो से जब लिया ही नहीं फिर ये घुटनों में दर्द कैसा है

 


 

 

इश्क़ ने गुंधे थे जो गजरे नुकीले हो गए

तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए

फूल बेचारे अकेले रह गए हैं

शाख पर गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए

 

 

अकेला खुश हूं मै अब परेशान मत कर

इश्क़ है तो इश्क़ कर, एहसान मत कर

 

 

 

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो….

ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो..!!

 

 

बुलाती है मगर जाने का नहीं

ये दुनिया है इधर जाने का नहीं मेरे बेटे

किसी से इश्क कर मगर

हद से गुज़र जाने का नहीं

 

 

मेरा ज़मीर, मेरा ऐतबार बोलता है

मेरी जुबां से परवरदिगार बोलता है

कुछ और काम तो जैसे उसे आता ही नहीं मगर

वो झूठ बहुत शानदार बोलता है।

 

 

गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या है

मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या है

 

 

जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो

बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो

 

 

छू गया जब कभी खयाल तेरा,

दिल मेरा देर तक धड़कता रहा।

कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया था घर में,

और घर देर तक महकता रहा।

 

 

कभी दिमाग, कभी दिल,

कभी नजर में रहो ये सब तुम्हारे ही घर हैं,

किसी भी घर में रहो

 

 

 

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ

दुनिया घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है

 

 

 

हर हकीक़त को मेरी खाक समझने वाले….

मैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफी हूँ..!!

 

 

मेरा ज़मीर, मेरा ऐतबार बोलता है

मेरी जुबां से परवरदिगार बोलता है

कुछ और काम तो जैसे उसे आता ही नहीं

मगर वो झूठ बहुत शानदार बोलता है।

 

 

गर’ मै गलत, तो तू भी सही नही,

हारा’ मै इश्क मै, तो जीता तू भी नही. 

 

 

मुझे गिलास के अंदर ही क़ैद रख वर्ना

मैं सारे शहर का पानी शराब कर दूँगा…

 

 

 

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