ज़िंदगी का मकसद सिर्फ़ जीना नहीं, बल्कि बेहतरीन अंदाज में जीना है। एक सेहतमंद ज़िंदगी इंसान की सबसे कीमती दौलत होती है, क्योंकि अगर आपके पास सेहत नहीं है, तो बाक़ी सब कुछ बेकार लगता है इसलिए कहते हैं कि सेहतमंद ज़िंदगी का मतलब सिर्फ़ बीमारियों से दूर रहना नहीं, बल्कि जिस्मानी, दिमागी, और रूहानी तौर पर तंदुरुस्त रहना है। आइए जानें, एक सेहतमंद और खुशहाल जिंदगी जीने के कुछ अहम पहलू।
1. सेहतमंद खुराक का इंतिख़ाब (चुनाव)
सेहतमंद जिंदगी की पहली बुनियाद है सही खुराक या सही खाना। अगर आपकी खाने में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर मौजूद हैं, तो आपका जिस्म ताकतवर और दिमाग तेज रहेगा इसलिए कहते है कि अपनी रोजाना की खुराक में फल, सब्जियां, अनाज, और पौष्टिक चीज़ों का इस्तेमाल करें और जबकि तली हुई और ज़्यादा मीठी चीज़ों से बचें। पानी पीना भी सेहत के लिए बेहद अहम है इसलिए एक दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए ताकि जिस्म में तरावट बनी रहे।
2. रियाज़त / व्यायाम की आदत
रोजाना व्यायाम करने से जिस्म फ़िट और सेहतमंद रहता है क्योकि व्यायाम सिर्फ़ जिस्म को मज़बूत नहीं करता है बल्कि दिमाग़ के सारे स्ट्रेस को भी कम कर देता है। मॉर्निंग वॉक, जिम, योग, या एरोबिक जैसी एक्टिविटी आप अपनी सहूलत के हिसाब से चुन सकते हैं जिससे दिल की सेहत बेहतर होती है, मसल्स मज़बूत होते हैं और आपका स्टैमिना बढ़ता है।
3. नींद की अहमियत
सेहतमंद ज़िंदगी के लिए मुकम्मल नींद का होना आपके टाइम टेबल में होना लाज़िमी है क्योकि अगर आप रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लेते हैं, तो आपका दिमाग फ्रेश और जिस्म ताकतवर महसूस करता है। नींद के दौरान जिस्म अपने आप को रिफ्रेश करता है, मसल्स को आराम देता है और दिमाग़ की थकान को दूर करता है। इसलिए हर शख़्स को अपने नींद के शेड्यूल का ख़याल रखना चाहिए।
4. स्ट्रेस (तनाव) से निजात
हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई बार ऐसे हालात आते हैं जो हमें स्ट्रेस में डाल देते हैं। मगर एक सेहतमंद ज़िंदगी के लिए स्ट्रेस से बचना बेहद ज़रूरी है। स्ट्रेस से सिर्फ़ दिमाग़ी हालत ही खराब नहीं होती बल्कि ये दिल की बीमारियों का भी बाइस बन सकता है। मेडिटेशन, रियाज़त, और पॉज़िटिव सोच स्ट्रेस को कम करने के बेहतरीन तरीक़े हैं। साथ ही, किसी अपने से दिल की बात कह देने से भी दिल हल्का होता है।
5. ख़ुश रहने की आदत
ज़िंदगी के छोटे-छोटे लम्हात में ख़ुशी ढूंढने की आदत डालें क्योकि ख़ुशी सेहत पर अच्छा असर डालती है और इंसान को जवान और तंदुरुस्त रखती है। दोस्त और ख़ानदान के साथ वक़्त गुज़ारना, अपनी पसंद के काम करना, और दूसरों की मदद करना, ये सब चीज़ें आपको अंदरूनी तौर पर ख़ुश और सुकून से भर देंगी।
6. रूहानी (आध्यात्मिक) सुकून
रूहानी सुकून भी सेहतमंद ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है इसलिए रोज़ाना कुछ वक़्त अल्लाह या अपनी आस्था के मुताबिक़ इबादत या ध्यान में गुज़ारें जिससे दिल को सुकून मिलता है, फ़िक्रें कम होती हैं और इंसान अंदर से मज़बूत महसूस करता है। रूहानी सुकून के बिना इंसान कितनी भी दौलत और सहूलत हासिल कर ले, दिल का सुकून न हो तो सब बेमानी लगता है।
7. सॉसाइटी और सोशल सर्कल का असर
एक अच्छी और सपोर्टिव सॉसाइटी का हिस्सा बनना भी सेहत के लिए फायदेमंद है इसलिए कहते है जिन लोगों का सोशल सर्कल मज़बूत होता है, वो ज़िंदगी में ख़ुश और सेहतमंद रहते हैं। दोस्तों के साथ मिलना-जुलना, पॉज़िटिव रिश्ते बनाना, और सोशल इंटरेक्शन से आपका स्ट्रेस कम होता है और दिली सुकून मिलता है।
8. काम और आराम का बैलेंस
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अक्सर काम में इतने डूब जाते हैं कि आराम को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, मगर सेहतमंद ज़िंदगी के लिए काम और आराम दोनों का बैलेंस होना बहुत ज़रूरी है। बहुत ज़्यादा काम करने से जिस्म और दिमाग़ दोनों थक जाते हैं, और थकान की वजह से बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं। इसलिए काम के साथ-साथ आराम का भी ख़ास ख़याल रखें।
9. टॉक्सिक चीज़ों से परहेज़
शराब, सिगरेट और नशे की आदतें सेहत पर बेहद बुरा असर डालती हैं इसलिए इन टॉक्सिक चीज़ों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये ना सिर्फ़ जिस्मानी बल्कि दिमाग़ी सेहत को भी नुक़सान पहुंचाती हैं। तंबाकू और शराब जैसी चीज़ों से कैंसर, दिल की बीमारियाँ और फेफड़ों के मसाइल हो सकते हैं। सेहतमंद ज़िंदगी के लिए इन आदतों से निजात पाना बेहद ज़रूरी है।
10. अपना रेग्युलर चेकअप कराएं
सेहत का ख़याल रखने के लिए ये ज़रूरी है कि आप वक़्त-वक़्त पर अपना मेडिकल चेकअप कराते रहें। ये ज़रूरी नहीं कि जब आप बीमार हों तभी डॉक्टर के पास जाएं, बल्कि रेग्युलर चेकअप से आप कई बीमारियों को शुरू में ही पकड़ सकते हैं और उनका इलाज करा सकते हैं। सेहत का ख़याल रखना हर इंसान की ज़िम्मेदारी है और इस ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाने के लिए डॉक्टर की मदद लेना भी ज़रूरी है।
अगर आप इन बातों पर अमल करेंगे तो न सिर्फ़ जिस्मानी बल्कि दिमाग़ी और रूहानी तौर पर भी सेहतमंद और ख़ुशहाल ज़िंदगी गुज़ार सकेंगे।