Latest Sad Sad Shayari | लेटेस्ट दुख-भरी शायरियाँ जिन्हें आपने कभी पहले नही पढ़ा होगा

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Latest Sad Sad Shayari | लेटेस्ट दुख-भरी शायरियाँ जिन्हें आपने कभी पहले नही पढ़ा होगा 

दिल की गहराइयों से निकली आवाज़, जब अल्फ़ाज़ का लिबास पहन लेती है, तो वो शायरी बन जाती है लेकिन कुछ शायरियाँ ऐसी होती है जिसके हर शब्द में दर्द, तन्हाई और बेबसी की तस्वीर उभरती है। इसमें मुहब्बत के अधूरे क़िस्से, टूटे हुए वादे, और बिछड़ने का ग़म शामिल होता है। उर्दू की नज़ाकत और नफ़ासत जब इन दर्द भरे एहसासात में घुल जाती है, तो शायरी और भी खूबसूरत हो जाती है लेकिन कभी – कभी ये शेर-ओ-शायरी दिल के ज़ख़्मों पर मरहम भी लगाती है और कभी-कभी इन ज़ख़्मों को और गहरा भी कर देती है।

 

 

Latest Sad Sad Shayari | लेटेस्ट दुख-भरी शायरियाँ 

अकेले रहने का मजा ही अलग होता है जनाब,

ना किसी की जरूरत और ना किसी से उम्मीद ।

 


 

कितना बेबस हो जाता है इंसान जब,

वो किसी को खो भी नहीं सकता और उसका हो भी नहीं सकता..!!

 

 

कोई आज तो कोई कल बदलता है, 

यकीन करो सब बदलते हैं… 

 

 

मैं ज़िंदगी के उस दौर से भी गुज़रा हूँ 

जहाँ रोते हुए ख़ुदको खुद ही चुप कराया है

 

 

एक नाराजगी सी है ज़ेहन में ज़रूर,

 पर मैं ख़फ़ा किसी से नहीं !!

 

 

Tension, Dipression,Over thinking

बस यहीं हो रहा है, आज कल लेकिन फिर भी ठीक हूं मैं।

 

 

अपना वो है जो किसी और के लिए, 

तुम्हें नज़रंदाज़ न करे.

 

 

कहने वाले का क्या जाता है

कमाल तो सहने वाले करते है

 

 

अपनी जिंदगी के सलीके कुछ यूं मोड़ दो,

जो तुम्हे नजरअंदाज करें उन्हें नजर आना छोड़ दो ।

 


 

इसलिए की तुझे बुरा ना लग जाए

जो थी वो शिकायतें भी नही की तुझसे

 

 

जिनके दिल साफ होते है ना, 

वो हर जगह से ठुकराए जाते है..!

 

 

हँस कर टालने वाले, 

पहले रोकर समझ चुके होते हैं।

 

 

कभी-कभी खो भी जाना चाहिए, 

ये देखने के लिए कि कौन तलाश करने आता है

 

 

Accept the situation and say …. 

चलो ये भी ठीक है.”

 

 

हर ख़ामोशी Attitude नहीं होती,

 कुछ ख़ामोशी सब्र भी होती है.

 

 

जाने कैसे हर बार हम ही गलत हो जाते हैं

कुछ कहें.. तब भी…. चुप रहें.. तब भी….

 

 

कभी-कभी खुद की बड़ी याद आती है, 

कि क्या से क्या हो गए देखते देखते !!

 

 

कभी कभी वक़्त के साथ, सब ठीक नहीं… 

सब ख़त्म हो जाता है…

 

 

वक्त गुजारने का दौर है जनाब..

 अदाकार मिलते हैं, वफ़ादार नहीं..!!

 

 

दिल छोटा ना कीजिए, जो बदल रहा हैं, 

उन्हें बदलने दीजिए। 

 

 

खुदका साथ दो, 

तुमसे अच्छा तुम्हारा कोई साथी नहीं. 

 

 

साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है, 

तो शिकायत सिर्फ लोगों से ही क्यूं !!

 

 

हादसे कुछ जिंदगी में ऐसे हो गये है,

 हम समुंदर से ज्यादा गहरे हो गए है!

 

 

दो पल मुस्कुराकर हुई आँखे नम।

फिर वही ग़म… फिर वही हम।।

 


 

मन और मौन

दोनो समझने वाला चाहिए…

 

 

कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक़्त का सफ़र,

 एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर !!

 

 

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