Attitude Lifestyles Shayari | एटीट्यूड लाइफस्टाइल शायरियाँ इन हिंदी

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Attitude Lifestyles Shayari | एटीट्यूड लाइफस्टाइल शायरियाँ

 

आज के दौर में हर शख्स अपने अंदाज़ और रवैया से दुनिया को कुछ अलग दिखाना चाहता है। “एटीट्यूड लाइफस्टाइल” सिर्फ़ एक ज़िंदगी का तरीका नहीं, बल्कि यह एक ख़ास अंदाज़ और नज़रिये का हिस्सा है। ऐसे में शायरी, जो दिल के एहसासों को अल्फ़ाज़ में पिरोती है, इस रवैये को बयान करने का सबसे हसीन ज़रिया बन जाती है। ये शायरी न सिर्फ़ आपके एटीट्यूड को बयान करती है, बल्कि आपके अंदर के जुनून और खुद्दारी का आइना भी है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अपने अल्फ़ाज़ों से दुनिया को अपने स्टाइल का एहसास दिलाना चाहते हैं, तो ये पोस्ट आपके लिए है। 

 

Attitude Lifestyles Shayari | एटीट्यूड लाइफस्टाइल शायरियाँ
 
ये मत सोचना की भूल गया होगा
नाम, चेहरे और औकात सबकी याद है
साथ रहने की औकात बनना
तभी लौट के वापस आना.!
 
औकात मत देख
हंसते हंसते ले लूंगा तेरी
 
बदनाम वहीं होते हैं
जिनके काम सही होते हैं
जितनी इज्जत दे सकता हूं
 उतनी उतार भी सकता हूं।
 
तेवर ना दिखाओ.. तो लोग.. 
आंख दिखाने लगते हैं.. जनाब
 
दुनिया की भीड़ हो तुम्हें मुबारक 
हम अपना रास्ता खुद बनाते हैं
कल्लें जरूर हां प्रधान
 पर किस्से दे चमचे नही
 
बात मतलब की हैं तो मतलब पे आ, 
भाई-भाई बोलके हमें न सीखा.
 
परिणाम कुछ भी हो जनाब 
तबाही लाजवाब होवेगी
लड़ाई है अब खुद से
 खुद को बदल ने की.
 
हम अपने अंदाज में मस्त हैं,
जरुरी नहीं की सबको पसंद आए !!
 
अब खेल ताकत से नहीं 
दिमाग से खेला जाएगा..!
सोने के जेवर और हमारे तेवर 
लोगो को बहुत महंगे पड़ते हैं।
 
तेरा सिर्फ दिमाग खराब है
 काका मैं बंदा ही खराब हूँ !
कर्मा गया तेल लेने मेरे साथ 
जो बुरा करेगा वो पेला जाएगा
 
रुतबा बराबर रखना चाहिए 
फिर चाहे कर्म करना पड़े या कांड
होश उनका भी उड़ाएँगे 
जो खुद को बहुत बड़ी तोप समझते है
बात” उन्हीं की होती है, 
जिनमें कोई बात” होती है..!
 
हम जख्म गहरा देंगे 
तुम थोड़ा सब्र तो करो..!
 
2 रुपए के लोग, 
98 रुपए के नखरे !
अपना दिमाग़ वहां लगाओ 
जहां लोग अपना दिमाग़ लगाना बंद कर दें।
 
दुसरो को महंगा करोगे तो
 खुद सस्ते हो जाओगे !
कुछ तो लोग कहेंगे, 
बिना कहे साले जिंदा कैसे रहेंगे !
 
हमारे बारे में वो लोग ज्यादा जानते है 
जिन्हें हम खुद नहीं जानते ।
तेवर ना दिखाओ, 
तो लोग आंख दिखाने लग जाते हैं.!!
 
पहचान तो सबसे है हमारी, 
मगर ‘भरोसा’ सिर्फ खुद पर हैं।
 
हमारा शिकार करने वाले
 खुद शिकार हो गए।
 
 
 
 
 

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