खामोश शायरियाँ फ़ॉर बॉयज | Khamoshi Shayari
लड़कों की ज़िंदगी में अक्सर जज़्बात छुपे होते हैं, जिन्हें बयान करने का वक़्त और हिम्मत नहीं मिलती। यही खामोशी जब शायरी की शक्ल में ढलती है, तो हर अहसास का तर्जुमा बन जाती है।
इस ब्लॉग में, हम उन ख़ामोश लफ़्ज़ों की बात करेंगे जो दिल से निकले हैं, मगर होठों तक नहीं पहुंचे। ये शायरी सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, बल्कि वो जज़्बात हैं जो हर लड़के के दिल की गहराई में छुपे होते हैं। हर शेर में कहीं ना कहीं आपको अपना अक्स नज़र आएगा।
तुम मेरी हो मुझे यकीन था कि यह झूठ था
लेकिन यह कितना खूबसूरत था
मुझे इंतजार था कि तुम समझो मुझको..
तुमने समझा दिया कि बस इंतजार करो..
मैं स्वीकार करता हुँ
हम किसी को जबरदस्ती अपना नहीं बना सकते..
हर वो शख्स अकेला है
जिसने सच्ची मोहब्बत की है।
कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक़्त का सफ़र,
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर !!
जिंदगी चार दिन की है
ये मुझे चौथे दिन पता चला
मन भर जाए तो,
बेहतरीन भी बेकार लगता है.
कुछ लोग साथ नही
सबक देते है..!
कुछ ज़िंदगी,
कुछ ग़म, कुछ हम
जब इंसान अंदर से टूट जाता है
तो वो बाहर से चुप रहना शुरू कर देता है
जब दिल दुखता है
तो ज़बान ख़ुद ही बंद हो जाती है
मोहब्बत की आखिरी रसम होती है
जलील होना… मैने वहा तक निभाई है।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया हैं तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी …
चंदन सी सुगंधित बातें करते हैं,
ये प्याज़ के जैसे सड़े से लोग..!
चालाकी, चतुराई और बेशर्मी के मिश्रण को
आज कल होशियारी कहते हैं !!
कुछ लोगों में कुत्ते वाले सारे गुण हैं,
बस वफ़ादारी वाले गुण छोड़कर..!
लोग लेने में आगे हैं, देने में नहीं….बात चाहें प्रेम की हो, सम्मान की हो,या फिर पैसे की हो..!!
मैं चाहूं तो तुम्हें आज भी मना सकता हूं, लेकिन Problem तो यह है, कि तुम रूठे नहीं हो तुम बदल गए हो.!!
गम बहुत है खुलासा कौन करे..
मुस्कुरा देता हूँ यूँ ही तमाशा कौन करे..
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो
तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है……
कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक़्त का सफ़र,
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर !!