आखिर सूरज रंग क्यों बदलता है? सुबह लाल, दोपहर सफेद और शाम नारंगी!

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सूरज असल में किस रंग का है – सफेद, पीला या कुछ और?

क्या आपने कभी सोचा है कि सूरज असल में किस रंग का होता है? स्कूल में हमें सिखाया जाता है कि सूरज का रग लाल होता है (आग का गोला) है, लेकिन जब गर्मी के दिनों में दोपहर के समय बाहर निकलते हैं, तो सूरज सफेद नजर आता है! फिर जब सूरज डूबने लगता है, तो इसका रंग नारंगी और लाल हो जाता है। क्या यह कोई जादू है? क्या सूरज हर वक्त रंग बदलता रहता है या फिर हमारी आँखों का धोखा है?

अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो घबराइए मत! आज हम आपको सरल और मजेदार तरीके से समझाने वाले हैं कि सूरज कभी पीला, कभी लाल और कभी सफेद क्यों दिखता है।

1. सूरज असल में किस रंग का होता है?

सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि सूरज वास्तव में किसी एक रंग का नहीं होता। सूरज से निकलने वाला प्रकाश सात रंगों (बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल और इंडिगो) से मिलकर बना होता है और जब ये सभी रंग आपस में मिलते हैं, तो सफेद प्रकाश बनता है।

अगर आप अंतरिक्ष में होते और सूरज को देखते, तो यह बिल्कुल सफेद दिखाई देता। लेकिन पृथ्वी के वातावरण की वजह से इसका रंग कभी-कभी पीला, नारंगी या लाल दिखने लगता है।

2. सूरज दोपहर में सफेद क्यों दिखता है?

अब सवाल यह उठता है कि जब सूरज हमेशा सफेद होता है, तो यह हमें पीला या लाल क्यों नजर आता है? इसका कारण है प्रकाश का बिखराव (Scattering of Light)।

(A) प्रकाश का बिखराव क्या होता है?

जब सूरज की किरणें पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करती हैं, तो ये वातावरण में मौजूद धूल, गैसों और अन्य कणों से टकराती हैं। इस प्रक्रिया को प्रकीर्णन (Scattering) कहते हैं।

सुबह और शाम के समय – जब सूरज क्षितिज के पास होता है, तो इसकी किरणों को वातावरण में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस दौरान नीला और बैंगनी रंग का प्रकाश ज्यादा बिखर जाता है, और केवल लाल और नारंगी रंग की रोशनी हम तक पहुंचती है, इसीलिए सूरज सुबह और शाम के समय लाल-नारंगी दिखता है।

दोपहर के समय – जब सूरज सिर के ऊपर होता है, तो इसकी किरणें सीधे पृथ्वी तक पहुँचती हैं और इन्हें वातावरण में कम दूरी तय करनी पड़ती है। इस समय सभी रंग लगभग समान रूप से हम तक पहुँचते हैं, जिससे सूरज सफेद दिखाई देता है।

3. अंतरिक्ष में सूरज कैसा दिखता है?

अगर कोई अंतरिक्ष यात्री सूरज को देखे, तो उसे यह बिल्कुल सफेद नजर आएगा। इसका कारण यह है कि अंतरिक्ष में कोई वातावरण नहीं होता, जो प्रकाश के रंगों को अलग-अलग बिखेर सके।

इसका एक बेहतरीन उदाहरण यह है कि चंद्रमा पर खड़े होकर जब अंतरिक्ष यात्री सूरज को देखते हैं, तो उन्हें यह चमकदार सफेद दिखाई देता है, न कि पीला या लाल।

4. वायुमंडल और मौसम का असर

हमारे वातावरण की स्थिति भी सूरज के रंग को प्रभावित करती है।

प्रदूषण और धूल – अगर हवा में ज्यादा धूल, धुआँ या प्रदूषण हो, तो सूरज अधिक लाल या नारंगी दिखाई दे सकता है।

साफ आसमान – जब आसमान बिल्कुल साफ और शुद्ध होता है, तो सूरज अपने असली सफेद रंग में नजर आता है।

पर्वतीय क्षेत्रों में सूरज – ऊँचे पहाड़ों पर, जहाँ वायुमंडल पतला होता है, वहाँ सूरज का रंग और भी सफेद दिखता है।

5. सूरज का रंग बदलता है या नहीं?

नहीं, सूरज का रंग नहीं बदलता! यह हमेशा सफेद ही होता है। लेकिन पृथ्वी के वातावरण में मौजूद गैसें, धूल और नमी के कारण यह अलग-अलग रंगों में नजर आता है।

अगर आपको यकीन नहीं होता, तो एक आसान प्रयोग कर सकते हैं – जब दोपहर में सूरज सिर के ऊपर होता है, तो इसे ध्यान से देखें। आप पाएंगे कि यह सफेद नजर आ रहा है। वहीं, सुबह या शाम के समय जब सूरज क्षितिज के पास होगा, तो यह लाल या नारंगी दिखेगा।

तो अब आपने समझ लिया कि सूरज सफेद क्यों होता है!

सूरज असल में सफेद होता है, लेकिन पृथ्वी के वातावरण की वजह से यह कभी-कभी पीला, नारंगी या लाल नजर आता है।

दोपहर के समय सूरज सफेद इसलिए दिखता है क्योंकि इस समय प्रकाश को वातावरण में कम दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे सभी रंग एक साथ हमारी आँखों तक पहुँचते हैं।

अंतरिक्ष में सूरज हमेशा सफेद दिखाई देता है, क्योंकि वहाँ कोई वातावरण नहीं होता जो प्रकाश के रंगों को अलग-अलग बिखेर सके।

अब अगली बार जब आप दोपहर में सूरज को देखेंगे, तो आप जानेंगे कि यह सफेद क्यों दिखता है!

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